7th Pay Commission: वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) नियमित रूप से संशोधित किया जाता है। हालांकि, इस बार यह बड़े बदलावों का कारण बनने वाला है। आइए समझते हैं कि कैसे।
महंगाई भत्ते में कटौती की आशंका
मार्च 2023 में, केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50% तक बढ़ा दिया गया था। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि जुलाई 2023 के बाद, डीए शून्य पर आ सकता है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों की वेतन राशि में काफी कमी आएगी।
महंगाई राहत भत्ते (एचआरए) पर प्रभाव
महंगाई भत्ते के शून्य होने का सबसे बड़ा असर महंगाई राहत भत्ते (एचआरए) पर पड़ेगा। एचआरए का निर्धारण डीए के आधार पर किया जाता है। जब डीए 0-25% है, तो एचआरए का स्तर 24%, 16% और 8% होता है। जब डीए 25% से अधिक है, तो एचआरए 27%, 18% और 9% होता है। और जब डीए 50% है, तो एचआरए 30%, 20% और 10% होता है।
इस प्रकार, अगर डीए शून्य पर आता है, तो एचआरए भी कम हो जाएगा। वर्तमान में, ‘एक्स’ श्रेणी के शहरों में एचआरए 30%, ‘वाई’ श्रेणी में 20%, और ‘जेड’ श्रेणी में 10% है। लेकिन डीए शून्य होने पर, यह सीमा 24% तक सीमित हो जाएगी।
दोहरा बदलाव की संभावना
सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, सरकार ने डीए की गणना के तरीके को बदल दिया था। साथ ही, एचआरए को डीए से जोड़ दिया गया था। इस प्रकार, डीए में बदलाव से एचआरए भी प्रभावित होगा। यह दोहरा बदलाव कर्मचारियों के वेतन पर काफी असर डालेगा।
आधिकारिक घोषणा का इंतजार हालांकि, अभी तक केंद्र सरकार ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। श्रम ब्यूरो भी यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि क्या डीए 50% पर पहुंचने के बाद इसमें बदलाव किया जाएगा। इसलिए, कर्मचारियों को सितंबर या अक्टूबर तक इंतजार करना होगा।
यदि डीए शून्य हो जाता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की आय पर इसका गहरा असर पड़ेगा। हालांकि, अंतिम निर्णय सरकार की घोषणा पर निर्भर करेगा। इस बीच, कर्मचारियों को धैर्य रखना होगा और आधिकारिक घोषणा की प्रतीक्षा करनी होगी।