Cibil Score Update Rules: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सिबिल स्कोर से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नए नियम ग्राहकों के हित में बनाए गए हैं और इनमें बैंकों की गलतियों के लिए मुआवजे का प्रावधान भी शामिल है। आइए जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
सिबिल स्कोर का महत्व
सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति की वित्तीय साख का महत्वपूर्ण मापदंड है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, जिसमें 750 या इससे अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है। एक अच्छा सिबिल स्कोर लोन लेने में मददगार साबित होता है, जबकि खराब स्कोर से वित्तीय लेनदेन में कठिनाइयां आ सकती हैं।
नए नियमों का प्रमुख प्रावधान
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्थान किसी ग्राहक की गलत क्रेडिट रिपोर्ट जारी करता है, तो उसे निर्धारित समय में सुधार करना होगा। यदि संस्थान 30 दिनों से अधिक समय लेता है, तो उसे प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा।
बैंकों की जवाबदेही
नए नियमों के तहत बैंकों और एनबीएफसी को ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में की गई किसी भी गलती को 21 कैलेंडर दिनों के भीतर सुधारना होगा। इस समय सीमा का उल्लंघन करने पर उन्हें ग्राहक को मुआवजा देना होगा।
सूचना देने की अनिवार्यता
नए प्रावधानों के अनुसार, जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करता है, तो उसे ग्राहक को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचित करना अनिवार्य होगा। यह नियम पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है।
नियमों का कार्यान्वयन
ये नए नियम 26 अक्टूबर 2024 को जारी किए गए हैं और नए वित्त वर्ष से लागू होंगे। इसका मतलब है कि सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इन नियमों का पालन करना होगा।
ग्राहकों के अधिकार
नए नियमों के तहत ग्राहकों को अपने सिबिल स्कोर की नियमित जांच करने का अधिकार है। यदि कोई गलती पाई जाती है, तो वे तुरंत संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क कर सकते हैं।
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों की भूमिका
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को भी इन नियमों का पालन करना होगा। उन्हें सटीक क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करने और समय पर अपडेट करने की जिम्मेदारी दी गई है।
आरबीआई के ये नए नियम ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इससे बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को अपने वित्तीय रिकॉर्ड पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा। यह सुधार वित्तीय क्षेत्र में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और ग्राहकों के प्रति बैंकों की जवाबदेही को मजबूत करेगा।
भविष्य की राह
इन नियमों के लागू होने से बैंकिंग क्षेत्र में एक नई कार्य संस्कृति विकसित होगी, जिसमें ग्राहक सेवा और सटीकता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। यह न केवल ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि समग्र वित्तीय प्रणाली को भी मजबूत करेगा।