आ गई खुशखबरी..! कल से इन 80 लाख कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ,मिलेंगे ₹30000, जानिए सरकारी आदेश New Update OPS 2024

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New Update OPS 2024: राजनीतिक दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों को लुभाने के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने का मुद्दा उठाया है। कई राज्य सरकारें पहले ही इस योजना को लागू कर चुकी हैं, जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारी भी इसकी मांग कर रहे हैं।

कर्मचारियों की भलाई को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की भलाई और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए, सरकारें पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर विचार कर रही हैं। इस योजना के तहत, कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अपने अंतिम वेतन के आधे हिस्से के बराबर मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं। यह नई पेंशन योजना की तुलना में काफी अधिक लाभकारी है।

महाराष्ट्र ने पहल

की महाराष्ट्र सरकार ने इस दिशा में पहल करते हुए, नवंबर 2005 से पहले भर्ती किए गए और इस अवधि के बाद ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त करने वाले लगभग 26,000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले, राज्य ने कर्मचारियों से यह चुनने को कहा था कि वे पुरानी या नई पेंशन योजना में से किस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं।

अन्य राज्यों की भूमिका महाराष्ट्र के अलावा, कुछ अन्य राज्य सरकारों ने भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की है। इससे कर्मचारियों में काफी उत्साह देखा गया है और वे अब केंद्र सरकार से भी इसी तरह की घोषणा की मांग कर रहे हैं।

चुनावी घोषणापत्र में वादा?

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर, कुछ राजनीतिक दल पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का वादा करने पर विचार कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों के वोट हासिल करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह देखना होगा कि क्या वास्तव में कोई पार्टी इस वादे को पूरा करने का साहस करती है।

लाभार्थियों की संख्या

अगर केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करती है, तो इससे लगभग 80 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इनमें से 9.5 लाख कर्मचारी पहले से ही इस योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, जबकि शेष 70.5 लाख नए लाभार्थी होंगे।

पुरानी पेंशन योजना बहाली का मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील है और इससे कर्मचारियों की एक बड़ी आबादी प्रभावित होगी। यही कारण है कि सरकारें इस पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। हालांकि, इसके लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ का भी ध्यान रखना होगा। निश्चित रूप से, यह एक जटिल मुद्दा है और इसके समाधान के लिए सभी हितधारकों की राय को ध्यान में रखना होगा।

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