RBI New Update: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में लखनऊ स्थित लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला बैंक की पर्याप्त पूंजी की कमी और नकारात्मक कमाई क्षमता को देखते हुए लिया गया है।
बैंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए RBI का अधिकार
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) देश की केंद्रीय बैंकिंग संस्था है। यह बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर निगरानी रखता है और उनके लिए नियम तय करता है। RBI समय-समय पर बैंकों की जांच करता है और यदि कोई बैंक नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द करना भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
जमाकर्ताओं के हित की रक्षा
बैंक के बंद होने पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से ₹5,00,000 की मैट्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि वापस पाने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.50% जमाकर्ता अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
RBI द्वारा उठाए गए कदम
RBI ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार से भी इस बैंक को बंद करने की एक स्थायी नियुक्ति करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। यह कदम जमाकर्ताओं और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
RBI का मुख्य कार्य और दायित्व
RBI का मुख्य कार्य देश की मौद्रिक नीति तय करना और बैंकिंग प्रणाली को नियंत्रित करना है। बैंकिंग प्रणाली में निवेशकों और जमाकर्ताओं की रक्षा करना RBI का प्रमुख उद्देश्य है। लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के मामले में, RBI ने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की है।
RBI का यह कदम बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे निवेशकों और जमाकर्ताओं का विश्वास बढ़ेगा और भारतीय बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।