EPS 95 Pension: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं और विभिन्न राजनीतिक दल अपना-अपना दावा कर रहे हैं। इस बीच, देशभर के पेंशनर्स की नजरें भी नई सरकार पर टिकी हुई हैं। पिछली मोदी सरकार के दौरान पेंशनर्स की कई मांगें अनसुनी रह गईं, जिसके चलते उनमें नाराजगी है।
ईपीएस 95 पेंशन योजना को लेकर आंदोलन
ईपीएस 95 (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना) को लेकर देशभर के पेंशनर्स लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें न्यूनतम 7,500 रुपये महीने की पेंशन मिलनी चाहिए, साथ ही महंगाई भत्ते और मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर मुखर आवाज
पेंशनर्स ने चुनाव से पहले भी मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया है। सोशल मीडिया पर भी वे अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं। पेंशनभोगी गौतम चक्रवर्ती ने एक पोस्ट में लिखा कि भाजपा और टीम मोदी को अब अनिश्चित स्थिति में गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर होना पड़ेगा, जो रियायतें लेने में माहिर हैं।
नई सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी
पेंशनर्स ने नई सरकार पर प्रभावी ढंग से दबाव बनाने की तैयारी कर ली है। गौतम चक्रवर्ती ने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाले हैं, इसलिए टीम मोदी पर दबाव बनाया जा सकता है। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से भी सीधी अपील की बात कही।
विपक्ष से भी उम्मीदें
पेंशनर्स ने विपक्षी दलों से भी अपनी मांगों को पूरा करने की उम्मीद लगाई है। उनका कहना है कि अगर नई सरकार के बजट में उनकी मांगों को शामिल नहीं किया गया, तो आगामी विधानसभा चुनावों में वे इसका विरोध करेंगे।
निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पेंशनर्स की नजरें नई सरकार पर टिकी हुई हैं। उनकी मांगें पिछली सरकार के दौरान अनसुनी रह गईं, लेकिन अब वे अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं और नई सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं।