Old Pension Todays Update: पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर कर्मचारियों में लंबे समय से अलग-अलग राज्यों में चर्चा चल रही है। ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उनके आखिरी वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता है। इसकी मांग को लेकर कर्मचारियों ने कई बार आंदोलन भी किए हैं।
उत्तराखंड में ओपीएस पर नई घटनाक्रम
उत्तराखंड के उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में कॉलेज के प्राचार्यों से पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए विवरण मांगा है। शिक्षकों को जीवन भर सरकारी आय मिलने की इच्छा है, इसलिए वे ओपीएस का लाभ उठाना चाहते हैं। यह प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की मांग
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों ने भी ओपीएस को लागू करने की मांग शुरू कर दी है। वे चाहते हैं कि आचार संहिता लागू होने से पहले इस विषय पर चर्चा हो। बिजली विभाग के कर्मचारी इस मुद्दे पर आगे आए हैं और मांग कर रहे हैं कि आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार इस पर घोषणा कर दे।
महाराष्ट्र सरकार का फैसला
महाराष्ट्र राज्य सरकार ने ओपीएस के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह लाभ केवल कुछ ही कर्मचारियों को मिलेगा। जिन कर्मचारियों का चयन नवंबर 2005 से पहले हुआ था लेकिन उन्हें उस समय के बाद नियुक्ति पत्र मिला, उन्हें ही ओपीएस का लाभ मिलेगा। इस फैसले से लगभग 26,000 महाराष्ट्र के राज्य कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
उत्तराखंड में भी ओपीएस की घोषणा
उत्तराखंड में भी ओपीएस को लागू करने की संभावना है। राज्य सचिवालय के करीब 250 कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिलने की उम्मीद है। ये कर्मचारी इस आधार पर ओपीएस की मांग कर रहे थे कि उनकी भर्ती परीक्षा की अधिसूचना नई पेंशन योजना लागू होने से पहले जारी की गई थी।
आगे की राह
देश के कई राज्यों में ओपीएस को लेकर कर्मचारियों की मांग लंबे समय से चल रही है। जैसे-जैसे और राज्य इस पर आगे बढ़ेंगे, अन्य राज्यों के कर्मचारी भी इसकी मांग करेंगे। हालांकि, सरकारों को इसके वित्तीय प्रभाव पर भी विचार करना होगा। ओपीएस को पूरी तरह से लागू करना आसान नहीं होगा, लेकिन कुछ प्रकार से लाभ देने पर विचार किया जा सकता है।
पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकारों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कर्मचारियों की मांगों को समझना चाहिए। ओपीएस की बहाली से कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे अपने बुढ़ापे में राहत महसूस करेंगे।